दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार: CAG रिपोर्ट के चौंकाने वाले खुलासे
दिल्ली की राजनीति में हड़कंप मचाने वाली नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने एक बड़ा खुलासा किया है। इस रिपोर्ट में नई आबकारी नीति में हुए भारी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर किया गया है। दिल्ली विधानसभा में इस रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान कई सनसनीखेज बातें सामने आईं, जिससे जनता की आंखें खुल गईं।
CAG रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपये का नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की नई शराब नीति के कारण सरकारी खजाने को भारी क्षति हुई है।
जनता की मेहनत की कमाई का दुरुपयोग किया गया।
मोबाइल फोन नष्ट करने का मामला
रिपोर्ट के अनुसार, इस घोटाले में शामिल लोगों ने 177 मोबाइल फोन तोड़ दिए।
मनीष सिसोदिया ने अकेले 17 मोबाइल फोन नष्ट किए।
यह स्पष्ट संकेत है कि घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत मिटाने की कोशिश की गई।
नकली शराब की आपूर्ति
CAG रिपोर्ट से यह भी सामने आया है कि दिल्ली में जनता को नकली शराब पिलाई जा रही थी।
शराब की गुणवत्ता की जांच सरकार की निर्धारित लैब से नहीं कराई गई।
जांच केवल निजी एजेंसियों से करवाई गई, जिससे इसमें गड़बड़ी की संभावना और बढ़ जाती है।
सदन में हंगामा और विरोध प्रदर्शन
दिल्ली विधानसभा में इस रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान भारी हंगामा हुआ।
विपक्षी विधायक इस मुद्दे पर सरकार को घेरते नजर आए।
आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों को विधानसभा में प्रवेश नहीं दिया गया, जिसके विरोध में उन्होंने धरना-प्रदर्शन किया।
विपक्ष की मांग - दोषियों से पैसे की वसूली
भाजपा विधायकों ने मांग की कि इस घोटाले से हुए राजस्व नुकसान की भरपाई दोषियों से की जाए।
उनका कहना था कि इससे यह संदेश जाएगा कि यदि कोई घोटाला करेगा, तो उससे वसूली भी की जा सकती है।
अन्य मुद्दे भी उठे सदन में
गंदे पानी की समस्या: मुस्तफाबाद और आरके पुरम में गंदे पानी की समस्या पर भी चर्चा हुई।
CCTV कैमरे का घोटाला: विश्वास नगर में 4000 कैमरे नहीं लगाए गए, लेकिन उनका भुगतान हो चुका है।
भगत सिंह की मूर्ति क्षतिग्रस्त: मालवीय नगर में भगत सिंह की प्रतिमा के क्षतिग्रस्त होने का मुद्दा उठाया गया।
सीवर जाम और जल आपूर्ति की समस्या: दिल्ली के कई इलाकों में सीवर जाम की समस्या बनी हुई है।
आगे की कार्रवाई क्या होगी?
इस रिपोर्ट के बाद दिल्ली सरकार पर विपक्ष का दबाव बढ़ गया है। मांग की जा रही है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और जनता के पैसे को वापस लाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा जारी है, और जनता को उम्मीद है कि इस घोटाले के जिम्मेदार लोगों को कानून के कटघरे में खड़ा किया जाएगा।
दिल्ली में शराब नीति को लेकर उठे इस घोटाले ने यह दिखा दिया है कि पारदर्शिता और ईमानदारी के दावे करने वाली सरकारें भी भ्रष्टाचार में लिप्त हो सकती हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में क्या सख्त कदम उठाए जाते हैं और जनता को न्याय मिल पाता है या नहीं।
Comments
Post a Comment