Breaking NEWS Delhi !! दिल्ली में रेखा गुप्ता सरकार का बड़ा एक्शन: पिछली सरकार में सीसीटीवी घोटाले की होगी जांच
दिल्ली में रेखा गुप्ता सरकार का बड़ा एक्शन: पिछली सरकार में सीसीटीवी घोटाले की होगी जांच
दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने घोषणा की है कि पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के दौरान भाजपा विधायकों के आठ निर्वाचन क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगाए गए, इसकी जांच की जाएगी।
भाजपा विधायकों के क्षेत्रों को किया गया नजरअंदाज
दिल्ली विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए लक्ष्मी नगर विधायक अभय वर्मा ने कहा कि भाजपा विधायकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय तक का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। भाजपा विधायक ओपी शर्मा ने सदन में यह मामला उठाया और आरोप लगाया कि उनके विश्वास नगर निर्वाचन क्षेत्र में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया। उन्होंने इस मामले की जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) से कराने की मांग भी की।
70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.40 लाख कैमरे, लेकिन आठ सीटें बाहर क्यों?
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में 2,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे। इसके लिए आम आदमी पार्टी सरकार ने 1.40 लाख कैमरे खरीदे थे, लेकिन भाजपा विधायकों के आठ निर्वाचन क्षेत्रों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।
पीडब्ल्यूडी मंत्री ने दिया जांच का आदेश
इस मुद्दे पर पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने स्पष्ट किया कि यह मामला गंभीर है और इसे अनदेखा नहीं किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और यदि कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक भेदभाव या प्रशासनिक लापरवाही?
इस पूरे प्रकरण से यह सवाल उठता है कि क्या यह राजनीतिक भेदभाव का मामला था या प्रशासनिक लापरवाही? अगर सभी विधानसभा क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाने की योजना थी, तो फिर भाजपा विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों को क्यों छोड़ा गया? यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह एक जानबूझकर की गई अनदेखी थी या फिर कोई अन्य कारण था।
भविष्य में क्या होगा?
अब जब रेखा गुप्ता सरकार ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोषियों को दंडित किया जाएगा और क्या भाजपा विधायकों के क्षेत्रों में अब सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
यह मामला दिल्ली की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन सकता है और आने वाले दिनों में और अधिक खुलासे हो सकते हैं। अब यह देखना होगा कि इस जांच का क्या परिणाम निकलता है और क्या दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था में कोई सुधार देखने को मिलेगा।
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